Saturday, April 18, 2015

पूर्वमोसमी पावसाचा 5 ते 50 पट दणका !

*चौकट
- महाराष्ट्रातील पूर्वमोसमी पाऊस (1 मार्च ते 15 एप्रिल 15)
विभाग --- सरासरी (मीमी.)--- प्रत्यक्ष पडलेला पाऊस (मीमी.)--- वाढ (टक्के)
कोकण --- 0.7 --- 37.7 --- 5138
मध्य महाराष्ट्र --- 6.5 --- 46.6 --- 616
मराठवाडा --- 9.4 --- 65.8 --- 600
विदर्भ --- 16.3 --- 90.4 --- 455

पुणे (प्रतिनिधी) ः गेली अनेक वर्षे वळवापुरताच मर्यादित असलेल्या पूर्वमोसमी पावसाने यंदा आक्रमक रुप घेत नेहमीपेक्षा राज्यात ठिकठिकाणी तब्बल पाच ते 50 पटीने अधिक दणका दिला आहे. पूर्वमोसमीच्या निम्या कालावधीत सरासरीच्या तुलनेत कोकणात 52 पट (5138 टक्के), मध्य महाराष्ट्रात सात पट (616 टक्के), मराठवाड्यात सात पट (600 टक्के) तर विदर्भात पाच पट (455 टक्के) अधिक पाऊस झाला आहे.

देशात 1 मार्च ते 31 मे हा कालखंड पूर्वमोसमी पावसाचा कालावधी म्हणून ओळखला जातो. पूर्वमोसमीचा निम्मा कालावधी नुकताच पूर्ण झाला असून त्यात देशात सरासरीपेक्षा दुप्पट पाऊस कोसळला आहे. त्यातही महाराष्ट्रात त्याचा दणका सर्वात मोठा असून सर्व जिल्ह्यातील शेतकऱ्यांना सोसाटयाचा वादळी वारा, त्यात ताड ताड बरसणाऱ्या गारा आणि पाऊसधारा यांचा कहर वेळोवेळी सोसावा लागला आहे.

भारतीय हवामानशास्त्र विभागाच्या आकडेवारीनुसार पूर्वमोसमी हंगामात गेल्या दिड महिन्यात सर्वाधिक 196 मिलीमिटर पाऊस विदर्भातील अकोला जिल्ह्यात पडला आहे. पाठोपाठ भंडारा जिल्ह्यात 116 मिलीमिटर, वाशिममध्ये 115.5 मिलिमिटर, नागपूरमध्ये 99.3 मिलीमिटर तर गोंदियात 95.4 मिलीमिटर पाऊस पडला आहे. सर्वाधिक पाऊस विदर्भात व त्यापाठोपाठ मराठवाड्यात झाला आहे. मराठवाड्यातील बहुतेक सर्व जिल्ह्यांमध्ये 65 ते 80 मिलीमिटर दरम्यान पाऊस झाला आहे. पावसाच्या टक्केवारीतील वाढ कोकणात सर्वाधिक आहे. रायगड जिल्ह्यात सरासरीहून सर्वाधिक 13 हजार 438 टक्के पाऊस जास्त पडला आहे.

देशाची एक मार्च ते 16 एप्रिलपर्यंतची पूर्वमोसमी पावसाची सरासरी 47.8 मिलीमिटर आहे. प्रत्यक्षात सरासरीच्या दुपटीहून अधिक म्हणजेच 96.6 मिलीमिटर (102 टक्के) पाऊस पडला आहे. इशान्य भारतातील आसाम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालॅंड, मनिपूर, मिझोरम व त्रिपुरा या सात राज्यांचा अपवाद वगळता देशातील उर्वरीत सर्व राज्यांमध्ये पूर्वमोसमी पाऊस सरासरीहून कित्येक पटींनी अधिक बरसला आहे. पूर्वमोसमी पावसात देशात सर्वाधिक 5138 टक्‍क्‍यांची वाढ कोकणात झाली आहे.

सर्वसाधारणपणे बोलीभाषेत पावसाच्या मुख्य कालावधीव्यतिरिक्त इतर वेळी पडलेल्या पावसाला अवकाळी पाऊस म्हणून ओळखले जाते. मॉन्सून सुरु होण्याच्या आधी झालेल्या पावसाला वळवाचा पाऊस असेही नाव आहे. हवामान खात्याने त्याच्या शास्त्रिय परिभाषेनुसार पावसाच्या कालावधीचे तीन विभागात विभाजन केले आहे. यानुसार 1 जून ते 30 सप्टेंबर या कालावधीत पडणाऱ्या पावसाला मोसमी पाऊस, 1 ऑक्‍टोबर ते फेब्रुवारी अखेर पडणाऱ्या पावसाला बिगरमोसमी पाऊस तर 1 मार्च ते 31 मे या कालावधी पडणाऱ्या पावसाला पूर्वमोसमी पाऊस असे संबोधले जाते.

*चौकट
- जिल्हानिहाय पाऊस (1 मार्च ते 15 एप्रिल 15)
जिल्हा --- सरासरी (मीमी) --- पाऊस (मीमी) --- वाढ (टक्के)
मुंबई शहर --- 0.5 --- 15 --- 2900
रायगड --- 0.4 --- 54.5 --- 13438
रत्नागिरी --- 1.3 --- 31.7 --- 2338
सिंधुदुर्ग --- 1.5 --- 45.9 --- 2960
मुंबई उपनगर --- 0.5 --- 13 --- 2500
ठाणे --- 0.5 --- 21.9 --- 4277
नगर --- 5.7 --- 70.3 --- 1133
धुळे --- 3.9 --- नोंद नाही --- नोंद नाही
जळगाव --- 5.3 --- 59.6 --- 1025
कोल्हापूर --- 14.7 --- 35.9 --- 144
नंदुरबार --- 0.9 --- 14.4 --- 1496
नाशिक --- 2 --- 45.2 --- 2161
पुणे --- 4.6 --- 55.1 --- 1098
सांगली --- 13.3 --- 44.9 --- 238
सातारा --- 8.5 --- 40.8 --- 380
सोलापूर --- 9 --- 24.8 --- 175
औरंगाबाद --- 4.7 --- 65.3 --- 1289
बीड --- 7.6 --- 68.4 --- 800
हिंगोली --- 10.3 --- 66.5 --- 545
जालना --- 5.8 --- 61.4 --- 958
लातूर --- 13.6 --- 60.4 --- 344
नांदेड --- 14 --- 80.5 --- 475
उस्मानाबाद --- 8.3 --- 59.2 --- 614
परभणी --- 11.7 --- 56.4 --- 382
अकोला --- 11.2 --- 169 --- 1409
अमरावती --- 10 --- 97.6 --- 876
भंडारा --- 24.1 --- 116 --- 381
बुलडाणा --- 7.4 --- 92.3 --- 1147
चंद्रपूर --- 19.8 --- 85.1 --- 330
गडचिरोली --- 20.1 --- 55.7 --- 177
गोंदिया --- 22.2 --- 95.4 --- 330
नागपूर --- 21.5 --- 99.3 --- 362
वर्धा --- 17.5 --- 80.3 --- 359
वाशिम --- 11.3 --- 115.5 --- 922
यवतमाळ --- 16.1 --- 71.8 --- 346
----------(समाप्त)---------


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